मैं अक्सर औरो से तेरी बातें करती हूँ
कभी मायूसी ओढ़ के तो कभी खुशी से
तेरा आना , काली सटीक दीवार पर
सफ़ेद सुन्दर चित्र बनाकर चले जाना
तेरा आना , घंटो एक कमरे मे बैठकर
नई नई कहानियां बनाना
तेरा आना और रात भर अपने होने का शोर मचाना
तेरा आना मुझे उकसाना
मैं अक्सर औरो से तेरे आने की बातें करती हूँ
कभी मायूसी ओढ़ के तो कभी खुशी से
तेरे आने की वजह मेरी समझ से बाहर
तेरा आना , सुनहरे रंग दिखाना
और फिर , चले जाना
एक सवेरे तेरे आने का सुकून तो
दूसरे तेरे जाने का पीर
मैं अक्सर औरो से सिर्फ तेरे आने की ही बातें करती हूँ
कभी मायूसी ओढ़ के तो कभी ख़ुशी से
अब तेरे आने और जाने का सिलसिला नहीं चाहिए
एहसास हो तेरे होने का
ऐसा हर लम्हा चाहिए
मुझे तेरी हकीकत का सुनहरा समां चाहिए ꘡
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