कहानी बदलाव की.......
जात पात के रंगो में
सबने खुद को रंग लिया,
अंगों के आधार पर
सबका लिंग अंक किया।
हिंदी ,उर्दू ,संस्कृत को
अंग्रेजी ने मात दिया ।
भेद भाव की भाषा ने ,
हमें मानवता के खिलाफ किया ।
हिन्दू , मुस्लिम , सिख , ईसाई
सबने खुद को बाँट लिया,
मंदिर, मस्जिद ,गुरुद्वारा भी
फीते से नाप लिया।
आरक्षण की मांग में
लोग सड़को पे उत्तर आए है ,
कड़कती ठण्ड और पुलिस के डंडे भी
उन्हें रोक नहीं पाए है ।
गैंग रैप की घटना पर
सबके हाथ जुड जाते है ,
फिर अशिक्षा को
समस्याओं की जड़ बताते है ।
अपराधिक प्रवृति के लोगो को
रिश्वत से वोट दिलाते है,
टीवी पर अपराधो की खबरे सुन
फिर नए कानून बनाते है ।
सुनो कहानी बदलाव की
हम तुम्हे सुनाते,
आँखें बंद करके जिसे
हम सब चुपी से अपनाते है ।